17 views
kuch ess tarah
कि तुम इस बार बस मुझसे ही मिलने आना,
मेरे माथे की बिंदी को अपने होठों से चूमने आना।
लब्ज़ों से नही,
मेरे आंखों से तुमारे लिए इन्तेज़ार किए हुए पल को गिनने आना।
मेरी मुस्कान मे अपने लिए प्यार की बोली महसूस करने आना।
कि इस बार तुम बस मुझसे है मिलने आना।
मेरे आँशुओ को तुम खुशियों से टोल सको,
की मैं थोड़ा सुकून पा सकू,
ऐशे मुझको सीने से लगने आना,
कि इस बार तुम बस मुझसे है मिलने आना।
मेरे ज़ुल्फो को अपने हाथो से सवार सको,
ऐसी नस्मियत अपने साथ लाना।
वापस तुम मुझसे दूर ना जा सखो,
तुम इस बार कुछ इस तरह आना।
कि इस बार तुम बस मुझसे ही मिलने आना।
© Priya kumari
मेरे माथे की बिंदी को अपने होठों से चूमने आना।
लब्ज़ों से नही,
मेरे आंखों से तुमारे लिए इन्तेज़ार किए हुए पल को गिनने आना।
मेरी मुस्कान मे अपने लिए प्यार की बोली महसूस करने आना।
कि इस बार तुम बस मुझसे है मिलने आना।
मेरे आँशुओ को तुम खुशियों से टोल सको,
की मैं थोड़ा सुकून पा सकू,
ऐशे मुझको सीने से लगने आना,
कि इस बार तुम बस मुझसे है मिलने आना।
मेरे ज़ुल्फो को अपने हाथो से सवार सको,
ऐसी नस्मियत अपने साथ लाना।
वापस तुम मुझसे दूर ना जा सखो,
तुम इस बार कुछ इस तरह आना।
कि इस बार तुम बस मुझसे ही मिलने आना।
© Priya kumari
Related Stories
37 Likes
9
Comments
37 Likes
9
Comments