3 views
शीर्षक- प्रथम शिक्षक माता-पिता
प्रथम गुरु माता होती हैं, ममत्व हम पर लुटाती हैं।
करुणा, ममता, स्नेह, क्षमा का, अनुपम पाठ पढ़ाती हैं ।
द्वितीय गुरु पिता होते हैं, चलना हमें सिखाते हैं,
परिश्रम, मेहनत, कर्तव्यों को पूर्ण करना सिखाते हैं, बनकर छाया सदा हमारी साथ हमारे रहते है,
माता-पिता हमें छाया दे कर धूप में तपते रहते हैं,
संघर्ष भरे जीवन में भी हमें देख मुस्काते हैं, हमारा जीवन सरल बनाने कितने दुःख सह जाते हैं,
हम तो जिद कर देते हैं, हर जिद पूरी करते हैं , हम तक कोई दुःख न पहुँचे, इस बात से कितना डरते है ।
हमें सिखाते हैं जीवन में सत्य का साथ ही देना तुम,
कभी डर से भयभीत न होना, निसफिक्र सत्य को कहना तुम ।
माता-पिता के प्यार, आशीषों से जीवन में सफल होते है हम ।
माता- पिता का प्रेम कभी संतान के लिए न होता कम।
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ माँ-पापा👨👩👧👦👨👩👧👦
🌺✍🏻रिया दुबे 🌺✍🏻
©
Related Stories
13 Likes
1
Comments
13 Likes
1
Comments