...

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हमसे गलती हुई सर... हमें माफ करना 🙏
हम तो बूंद थे जिसे समंदर बना दिया,
रास्ते की मिट्टी से घर बना दिया...
वह कुम्हार की मार थी, जिसे हम पिटाई समझ बैठे थे...
हमारे शब्दों कि आलोचना को,
अपने दिल से साफ करना...

हमसे गलती हुई सर...
हमें माफ करना...


इस लड़खड़ाती जुबान को,
शब्दों का ज्ञान कराया आपने...
जमीन पर पड़ी पतंग को गगन दिखाया आपने...
हम नहीं जानते थे की आप एक अच्छे पतंग बाज है,
मुझे ढील पर उड़ाया आपने, मुझे खुद पर नाज़ है...
हमने बहुत चिढाया आपको,
आप उन बातो को दिल से ना लगाया करना...

हमसे गलती हुई सर...
हमें माफ करना..


आप वह मोम थे जिसने स्वयं पिघल कर हमे रोशन किया...
नई पहचान दी जिसने,
जिसने हमारा सृजन किया...
अब पता चला की वह कक्षा में सबके सामने डाटना युद्धाभ्यास था...
उस वक़्त हमारे लिए जो अपमान का एहसास था...
उस वक्त आपके प्रति क्रोध आया था,
उस भूल को आज जरूरी था बयां करना...

हमसे गलती हुई सर...
हमें माफ करना..


गुरु कहे अमृतवाणी,
विसरो ना इनकी बात...
इनके वचन से देवता जन्मे,
भूत डरे दिन रात...


🙏 शिक्षक दिवस 🙏
की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं🙏

#Samvedna #Radhe
© Satish Sonone