...

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गम-ये- शायरी
जितनी करीब हम उनके जाते गए।
उनके गमों को गले से लगाते गए ।।

उन्होंने उतने ही जख्म दिए।
हम जितनों पर मरहम लगाते गए।।

जब हो गए दर्द बस से बाहर।
तो लिख लिख कर शायरी बनाते गए।।
© aham bramhasmi