बादल राग
बादलों से छान कर सूरज को पिघलाया है
मृदा की नमी को समेट इतर बनाया है
लगा कर पतवार अपने भी हिस्से की
सरपट बादलों को उड़ाया है
तब जाकर बादल बूंदों का
कारोबारी कहलाया है
मृदा की नमी को समेट इतर बनाया है
लगा कर पतवार अपने भी हिस्से की
सरपट बादलों को उड़ाया है
तब जाकर बादल बूंदों का
कारोबारी कहलाया है