...

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uski khusi
इश्क़ की सभा एक दिन कुछ यूँ चल रही थी,
कि इश्क़ में हारे आशिक़ अपने महबूब को कुसुरवार बता रहे थे,
है दर्द कितना उनके दिल में, सबको समझा रहे थे;
फिर कुछ यूँ हुआ, दूर कहीं कोने में बैठे एक शख्स बातें उनकी सुन, धीमे से मुस्कुरा...