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Ek galati meri
मैंने अपने ही हाथों अपने खुशियों को आग लगाई हैं,
मैंने अपने ही हाथों अपनी चिता जलाई हैं,
मैंने अपने ही हाथों अपने खुशियों को आग लगाई हैं
अपनी चला कर अपनो से दूर हो आई हुँ,
मैंने अपने ही हाथों अपने खुशियों को आग लगाई हैं।।
मैंने अपने ही हाथों अपनी चिता जलाई हैं,
मैंने अपने ही हाथों अपने खुशियों को आग लगाई हैं
अपनी चला कर अपनो से दूर हो आई हुँ,
मैंने अपने ही हाथों अपने खुशियों को आग लगाई हैं।।
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