उसपे ईमान गया,,
वो सर को झुका के आया मेरे सामने,
जो भी की गलतियां, वो सब मानने,,
आँखों में अफसोस था, दिल में पशेमानी,
बड़ी मुश्किल से किया उसने खुद को तसल्ली,,
दर पे उसने जो मेरे सजदा किया,
हाथों से नहीं, दिल से इश्क़ अदा किया,,
सारी हसरतें, सारी बातें चुप थीं,
उसने अपनी खामोशी से सब कुछ जता किया,,
मेरा...
जो भी की गलतियां, वो सब मानने,,
आँखों में अफसोस था, दिल में पशेमानी,
बड़ी मुश्किल से किया उसने खुद को तसल्ली,,
दर पे उसने जो मेरे सजदा किया,
हाथों से नहीं, दिल से इश्क़ अदा किया,,
सारी हसरतें, सारी बातें चुप थीं,
उसने अपनी खामोशी से सब कुछ जता किया,,
मेरा...