...

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जिंदगी एक पहेली
चलता जाय।
जिन्दगी का फल्सफा कही रुक ना जाय,
बहुत मौसम है इसके सभी,
इनमें अलग से रंग बसाय है।
कहानी हसीं सी चलती जाय,
सिखना सिखाना लोगो का फसाना।
अजीब से मोडो का रास्ता है,
ये जिन्दगी है तभी तो मंशा है।
जीना भी तो है किसके लीये,
यहीं जानने का खेल है सारा,
मंजिल कही भी हो मरने से अब क्या ही डरना।
डर तो भूला जाने से है लोगो के,
कि हम भी थे बने साथी उनके मौसो में।
जीना है अब इस जिन्दगी में
बस ठ्हरना किसके लिए है
दौड़ने पर कहाँ मिले जिन्दगी।
सम्भलना किसके लिए है?
चलना है जीवन रंगो में ढलना है इसके।
अब मनाने का मौका किसको है?
जिन्दगी साथ हो बस इतना काफी है।
फल्स्फा हमारा भी होगा,
उम्मीद बस इतनी सी है।
© 🍁frame of mìnd🍁