यहां कोई नहीं किसी का
अपना होकर भी
सौतेलों सा व्यवहार करना
मुझ पे इल्ज़ाम लगाना
चिखना चिल्लाना
मुझे बुरा भला कहना
सदियों तक ना भुल पाऊंगा
आपका दिया वो नज़राना
तन के घाव भर जाते हैं बेशक"
मगर मन के घाव नहीं भरते हैं मरते दम तक
बीत गया अपना वो...
सौतेलों सा व्यवहार करना
मुझ पे इल्ज़ाम लगाना
चिखना चिल्लाना
मुझे बुरा भला कहना
सदियों तक ना भुल पाऊंगा
आपका दिया वो नज़राना
तन के घाव भर जाते हैं बेशक"
मगर मन के घाव नहीं भरते हैं मरते दम तक
बीत गया अपना वो...