घाव तन का
घाव तन का हो,
या हो मन का,
हे चुभता बहुत,
मरहम परायों का हो,
या हो अपनों का,
भरता है घाव जल्द....
© Hiren Brahmbhatt - HirSwa
या हो मन का,
हे चुभता बहुत,
मरहम परायों का हो,
या हो अपनों का,
भरता है घाव जल्द....
© Hiren Brahmbhatt - HirSwa
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