माँ
1.
अभयदान की मूरत हो माँ
देती नित सबको छाया
वृक्ष तना युक्त निर्मित हो माँ
जाने तुममे कैसी माया।
2.
कुदरत ने बनाया तुमको
सोच बिचार और मेहनत से
इतनी नाजुक इतनी कोमल
नहीं हारती तुम किसी से।
3.
खुशियों की हो बाग तुम
बागवान है तेरी काया
सौन्दर्य हो...
अभयदान की मूरत हो माँ
देती नित सबको छाया
वृक्ष तना युक्त निर्मित हो माँ
जाने तुममे कैसी माया।
2.
कुदरत ने बनाया तुमको
सोच बिचार और मेहनत से
इतनी नाजुक इतनी कोमल
नहीं हारती तुम किसी से।
3.
खुशियों की हो बाग तुम
बागवान है तेरी काया
सौन्दर्य हो...