🥰वह हयात।
वह है तो सजा है द्वार आँगन जन्नत
वह संग संग तो पूरी हर मन्नत
वह है फिर तो
सजा सजा है दिन रात
सच वह हीं है सृजन की हयात।।
वह तो चहुंओर पसरा बरक्कत
वह विधाता की सबसे प्रिय नेमत
वह है फिर तो
कदम दर कदम नित्य नई बात...
वह संग संग तो पूरी हर मन्नत
वह है फिर तो
सजा सजा है दिन रात
सच वह हीं है सृजन की हयात।।
वह तो चहुंओर पसरा बरक्कत
वह विधाता की सबसे प्रिय नेमत
वह है फिर तो
कदम दर कदम नित्य नई बात...