फिर मेरा सब्र...
फिर मेरा सब्र हाशिए पर रख दिया जाए,
ए जिंदगी हूं बेसबर, तू न मुझे आजमाए।
हूं बाजार खुद में, खुद में बेहिसाब बड़ा,
फिर भी ऐसा नहीं, बोली कोई लगा जाए।
प्रेम का शिखर पड़ा, नफरतों की...
ए जिंदगी हूं बेसबर, तू न मुझे आजमाए।
हूं बाजार खुद में, खुद में बेहिसाब बड़ा,
फिर भी ऐसा नहीं, बोली कोई लगा जाए।
प्रेम का शिखर पड़ा, नफरतों की...