...

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मैं क्यूं बदल रही हूं
मैं क्यूं बदल रही हूं
अपनी फितरत छोड़
तेरे रंग में ढल रही हूं
मैं क्यूं बदल रही हूं।

तूने तो मेरी अच्छाई को रौंदा
मैं चुप रही
तूने हर रिश्ता मेरे से तोड़ा
मैं चुप रही
मेरे हक की खुशियों को
किसी और की झोली में डाल आए
तब भी मैं चुप रही

तेरे फरेब और झूठ में
कुछ ऐसी फस गई हूं
अपना निजत्व छोड़
मैं खुद बदल गई हूं।।।।

28 may 2022, 2:48an
© Rohini Sharma