KHUSHIYON KI AAS
ज़िंदा होने का एहसास दिलाती हैं, ये खुशियां ही रूहानी बन जाती हैं....
हर बन्धन, हर प्यार, हर साथ अटूट होता हैं, हमारे अपनों का हमारे साथ होना ही बहुत होता हैं,
जाने कैसा ये वक्त आ गया हैं, काला अंधेरा सा छा गया हैं, इन खुशियों पर गृहण लग रहा हैं, हमारे अपनों का साथ छूट रहा हैं, हर दिन बहुत तकलीफ होती हैं, हर रात खूब बेचैनी होती, सुबह होने से पहले ही सुबह हो जाती हैं, और नींद वो तो कहीं खो ही जाती हैं, कुछ कहने की ज़रूरत नहीं पड़ती आँखे बता देती हैं बीतती रातों का हाल...पूछे भी...
हर बन्धन, हर प्यार, हर साथ अटूट होता हैं, हमारे अपनों का हमारे साथ होना ही बहुत होता हैं,
जाने कैसा ये वक्त आ गया हैं, काला अंधेरा सा छा गया हैं, इन खुशियों पर गृहण लग रहा हैं, हमारे अपनों का साथ छूट रहा हैं, हर दिन बहुत तकलीफ होती हैं, हर रात खूब बेचैनी होती, सुबह होने से पहले ही सुबह हो जाती हैं, और नींद वो तो कहीं खो ही जाती हैं, कुछ कहने की ज़रूरत नहीं पड़ती आँखे बता देती हैं बीतती रातों का हाल...पूछे भी...