कविता का इतिहास
#WritcoPoetryDay
हृदय से पीड़ा का नाता पड़ा पुराना और गहरा है
ये पीड़ा ही कविता की जननी है
संसार का पहला छ्न्द इस पीड़ा से ही जन्मा था
नारदजी एक बार स्वर्ग से धरती पर पधारे
महर्षि बाल्मीकि से यह वचन उच्चारे
भगवान विष्णु ने लिया है अयोध्या में रामावतार
महाकाव्य करो रचना उनके जीवन पर
महर्षि ने सोचा मुझे तो नहीं है काव्य की कोई धारणा
फिर कैसे करुं मैं काव्य की रचना
ऐसे ही कुछ समय व्यतीत हुआ
एक दिन गंगा स्नान करने का महर्षि का हृदय हुआ
अचानक...
हृदय से पीड़ा का नाता पड़ा पुराना और गहरा है
ये पीड़ा ही कविता की जननी है
संसार का पहला छ्न्द इस पीड़ा से ही जन्मा था
नारदजी एक बार स्वर्ग से धरती पर पधारे
महर्षि बाल्मीकि से यह वचन उच्चारे
भगवान विष्णु ने लिया है अयोध्या में रामावतार
महाकाव्य करो रचना उनके जीवन पर
महर्षि ने सोचा मुझे तो नहीं है काव्य की कोई धारणा
फिर कैसे करुं मैं काव्य की रचना
ऐसे ही कुछ समय व्यतीत हुआ
एक दिन गंगा स्नान करने का महर्षि का हृदय हुआ
अचानक...