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श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा
प्राण-प्रतिष्ठा

5 शताब्दी बीत गई है
न्याय की आखिर जीत हुई है
दीप जलाओ खुशियां मनाओ, प्राण प्रतिष्ठा अब होने चली है।।

मुद्दा; मंदिर-मस्ज़िद ख़त्म हुआ अब
नए भारत की शुरुआत हुई है
घर-घर जाकर न्यौता दे आओ, लाने; रामलला की तैयारी चली है।।

मुरत; मनमोहक बड़ी सुन्दर-प्यारी
पत्थर काले से सुंदर गढ़ी है
दशावतार की कथा सुनाती, जिसमें रामलला की उम्र 5 कही है।।

माताओं की ममता जगाती
संदेश; वीरता का जो देते बनी है
सत-असत की कथा है गाती , श्री राम जी का जो यशोयान करी है।।

अयोध्या नगरी स्वर्ग सी सुंदर
रंग-बिरंगी जहां लड़ियां लगी है
सारे नगर में फूलों की माला, सारी अटारी, भवन, गालियां सजी है।।

पूरा हुआ जन्मों का सपना
खुशियां दिलों में दौड़ रही है
भूल धर्म-जात सब एक हुए है, बड़ी घटना अजब ये एक हुई है।।

5 शताब्दी बीत गई है
न्याय की आखिर जीत हुई है
दीप जलाओ खुशियां मनाओ, प्राण प्रतिष्ठा अब होने चली है।।