...

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सुकून
बाहों में मुझे अपनी आने दो
दो पल का सुकून मुझे भी पाने दो
हाथों में रख हाथ
प्यार की दो मीठी बातें हो जाने दो

जिंदगी वैसे भी गुजर गई है इंतजार में
इस इंतजार को मुकम्मल हो जाने दो

अरसा गुजर गया है
दूरियों में रहते रहते
अब तो इन दूरियों को मिट जाने दो

माना की इस तपती दोपहर की गर्मी ने तुझे परेंशा कर रखा है
न रोको तुम खुद को
मेरी जुल्फों की छांव में आ जाने दो

बाहों में मुझे अपनी आने दो
दो पल का सुकून मुझे भी पाने दो

नफस ए सर्द ( ठंडी सांसे)

शिवानी सूर्यवंशी (खुशी)