कुछ अधूरे सपने👣
काफी खोयी सी रहती हूं
दिन भर जागकर भी कुछ सोयी सी रहती हूं।
नींद आती नहीं कुछ रातों में,
दुख छुपाते है हम प्यार भरी बातों में
आखिर क्या है ये काफ़िला?
जिंदगी रूठ सी गयी है,
टूट रहा है हौसला
बेचैन दिल खुद को समझता कहां,
बस बिखरे सपनों का बगीचा यहां।
अक्सर दिल को समझाती यही,
दुख के बाद हसीन शाम आयेगी ही सही
chats पे smiley भेजते...