...

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सारा संसार
देख सारा संसार काला दिख रहा है
इसकी अंधकार तले मातम छाया हुआ है।
बेरोजगारी की चपेट में संसार डूबा है
कहीं भूखमरी तो कहीं लाचारी भरा है।

विद्यालयों की आँगन सूनी पड़ी है
खाली बैंच, खाली डेस्क बेकार पड़े हैं
चंचल बच्चे खिड़कियों से झाँक रहे हैं
कुछ कहने के लिए ओठ अधीर हो रहे हैं।

न जाने ऐसी काली रात कबतक रहेगी?
पता नहीं कबतक हालत सुधरेगी?
मौत ने खेला अपना खूब तमाशा
लोग मर रहे हैं भूखा और प्यासा।

इस काले संसार में मातम ही मातम है
अब इसे सिर्फ ज्योति की जरूरत है।
करूणा की ज्योत जला दो भगवान
जिन्दगी को आसान कर दो हे दयावान। उन्होंने