ये वक्त क्यू ठहरा हुआ?
आज इतनी दूर क्यू मै?,,
अपनो से,
जिसकी सोच से गुजरा करती थी मै,,
वो अब लगते सपने से।
मन की आशा जिन्हें तलाश रही,,
चाह कर भी मै उनसे दूर खड़ी,,
बस रोती रही, बस रोती रही।
स्वप्न सा हो गया है जहां!!
ना जाने मै, आ गई...
अपनो से,
जिसकी सोच से गुजरा करती थी मै,,
वो अब लगते सपने से।
मन की आशा जिन्हें तलाश रही,,
चाह कर भी मै उनसे दूर खड़ी,,
बस रोती रही, बस रोती रही।
स्वप्न सा हो गया है जहां!!
ना जाने मै, आ गई...