ज़ंजीर
#जंजीर
जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
साथ नहीं है हमदम
फूल चुभते शूल से
बाग देखो बबूल के
बादल उड़ते धूल के
पर हम नहीं रूके
मुसीबतों से नहीं झुके
कोई कुछ भी कहे
पर हम अडिग रहे
मुसीबतें आई कई
बदलियाँ छाई कई
पर घटा को चीर कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम…
©️डॉ.मनीषा मनी
© Dr.Manishaa Mani
जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
साथ नहीं है हमदम
फूल चुभते शूल से
बाग देखो बबूल के
बादल उड़ते धूल के
पर हम नहीं रूके
मुसीबतों से नहीं झुके
कोई कुछ भी कहे
पर हम अडिग रहे
मुसीबतें आई कई
बदलियाँ छाई कई
पर घटा को चीर कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम…
©️डॉ.मनीषा मनी
© Dr.Manishaa Mani