मुहब्बत में बिछड़ने के दौर के बाद...
मुहब्बत में बिछड़ने के दौर के बाद
बहुत कोशिशें की जाती हैं
बस एक बार मिलने के लिए
मगर कोशिशें नाकाम रहती है
मन में हूक उठती है,
दिल बैचैन होता है
आँखें रोती हैं
दो प्रेमी एक दूसरे को
संदेशों के जरिये ढाँढस बंधाते हैं
मुश्किल दौर है गुजर जाएगा
हम मिलेंगे,
भगवान इतना निर्दयी नहीं हो सकता
सुनो क्या हुआ जो
मिल न पाए
पर मुहब्बत तो दिलों में है न
यूँ एक दूसरे...
बहुत कोशिशें की जाती हैं
बस एक बार मिलने के लिए
मगर कोशिशें नाकाम रहती है
मन में हूक उठती है,
दिल बैचैन होता है
आँखें रोती हैं
दो प्रेमी एक दूसरे को
संदेशों के जरिये ढाँढस बंधाते हैं
मुश्किल दौर है गुजर जाएगा
हम मिलेंगे,
भगवान इतना निर्दयी नहीं हो सकता
सुनो क्या हुआ जो
मिल न पाए
पर मुहब्बत तो दिलों में है न
यूँ एक दूसरे...