...

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मौसम
#जून
चार जून की बात है
उसमें भी कुछ घात है
कौन बनेगा समय का साहु
किसमे ऐसी बात है ,
मेग घिरते आसमा पर सा ,
जैसे कुछ बड़ी चुनौती सा
ये रोशनी पल भर की ये आसमा
मै आशा दे सच्चाई का
फूठती ये बरीशे जैसे पंखुरी फूल सी
सुकून देती जग को पूरे ये पंखुरी आसमा की

© anonymous writer