अलविदा
#अलविदा
कितने पत्थर दिल पे रखकर
जुबाँ पर ख़ामोशी को मलकर
हमनें ख़ुद से रुखसत किया है
हाँ, दिल ने धड़कनों को अलविदा कहा है
यादों को अलमारी में डालकर
अश्कों को स्याही बनाकर
दर्द को सीने में दफना दिया है
हाँ, जिस्म ने रूह को अलविदा कहा है
होंठो पर जूठी मुस्कान बिठाकर
तन्हा रातों में नींद से लड़कर
ख़ुद से एक समझौता किया है
हाँ,जींद ने 'प्रित' को अलविदा कहा है
© speechless words
कितने पत्थर दिल पे रखकर
जुबाँ पर ख़ामोशी को मलकर
हमनें ख़ुद से रुखसत किया है
हाँ, दिल ने धड़कनों को अलविदा कहा है
यादों को अलमारी में डालकर
अश्कों को स्याही बनाकर
दर्द को सीने में दफना दिया है
हाँ, जिस्म ने रूह को अलविदा कहा है
होंठो पर जूठी मुस्कान बिठाकर
तन्हा रातों में नींद से लड़कर
ख़ुद से एक समझौता किया है
हाँ,जींद ने 'प्रित' को अलविदा कहा है
© speechless words