टूटा पत्ता
टूटे पत्ते का समर्पण शख्स एक समझा गया,
एक बुजुर्ग था घर जिसका शूटा वो पेड़ के नीचे आ गया,
टूटे पत्तों ने था पूछा तुझको कैसा गम है,
क्यों कांपते हैं होंठ तेरे और आंख तेरी क्यों नम है,
बुजुर्ग बोला ए टूटे पत्तों क्या क्या सुनाऊ आपको,
मैंने तिनका तिनका टूट के पाला था जिस औलाद को,
उन्होंने सब कुछ मेरा छीन लिया और घर...
एक बुजुर्ग था घर जिसका शूटा वो पेड़ के नीचे आ गया,
टूटे पत्तों ने था पूछा तुझको कैसा गम है,
क्यों कांपते हैं होंठ तेरे और आंख तेरी क्यों नम है,
बुजुर्ग बोला ए टूटे पत्तों क्या क्या सुनाऊ आपको,
मैंने तिनका तिनका टूट के पाला था जिस औलाद को,
उन्होंने सब कुछ मेरा छीन लिया और घर...