...

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कुछ ख्वाब हैं टूटे बड़े हैं !!
कुछ ख्वाब हैं टूटे बड़े हैं
सीने में कही चुभ रहे हैं
तू आ जा ये फरियाद करते
सजदे हक में दिन रात करते

आंखे करतीं इंतजारी
दिल में बसी एक चिंगारी
गुस्से का सैलाब भी है
तू जहां है ठीक तो है
आती ऐसी आवाज भी है

बेसक बेपरवाही ने चादर बढ़ा ली
पर कहीं तलक तेरी परवाह भी है
जो बह रही तेरे लिए सिर्फ
उस हवा में तेरी खुशबू बसी है
सीने में तू उतरी हुई है...