एक मकां हुआ करता था,
जरा नजदीक ही में था, यहां मेरा यार रहा करता था,
उडा तूफां में उसका यहां, एक मकां हुआ करता था,
और बयां कैसे करें, गुजरे जो मौसम बेहयाई पे,
आ पड़ी कलियों पे, यहां गुलिस्तां हुआ करता था,
वीरान है बज़्म-ए-सुख़न,...
उडा तूफां में उसका यहां, एक मकां हुआ करता था,
और बयां कैसे करें, गुजरे जो मौसम बेहयाई पे,
आ पड़ी कलियों पे, यहां गुलिस्तां हुआ करता था,
वीरान है बज़्म-ए-सुख़न,...