तुम
जां मेरी ग़ज़लों की बरकत हो तुम,
एक नामुमकिन सी हसरत हो तुम,
पहले पहल दिल्लगी तुमसे की थी
और मेरी...
एक नामुमकिन सी हसरत हो तुम,
पहले पहल दिल्लगी तुमसे की थी
और मेरी...