साड़ी
कहने को तो वो केवल ६ मीटर का कपड़ा है...
पर एक औरत सारी उम्र उसमें
अपने अपनों का सम्मान,अभिमान,मर्यादा
अपना सिंदूर...अपना सौभाग्य
अपनी ममता, अपना प्रेम
अपने हर रिश्ते
बांधकर चलती है
बेटी... पत्नी... बहू... मां... सास
अपने जीवन के हर पड़ाव पर उसमें खुद को बांधे रखती है
यहां तक कि जीवन की अंतिम यात्रा में भी उसका साथ नहीं छोड़ती
© Sarika
पर एक औरत सारी उम्र उसमें
अपने अपनों का सम्मान,अभिमान,मर्यादा
अपना सिंदूर...अपना सौभाग्य
अपनी ममता, अपना प्रेम
अपने हर रिश्ते
बांधकर चलती है
बेटी... पत्नी... बहू... मां... सास
अपने जीवन के हर पड़ाव पर उसमें खुद को बांधे रखती है
यहां तक कि जीवन की अंतिम यात्रा में भी उसका साथ नहीं छोड़ती
© Sarika