ग़ज़ल
शराबी नहीं मैं, पर न कोई कसर है
ये मदहोशी तेरे हुस्न का असर है
ख्वाबों ख्यालों में न बीत जाए
यह जिंदगी जो बड़ी मुख्तसर है
जन्नत से उतरी फरिश्तों की...
ये मदहोशी तेरे हुस्न का असर है
ख्वाबों ख्यालों में न बीत जाए
यह जिंदगी जो बड़ी मुख्तसर है
जन्नत से उतरी फरिश्तों की...