...

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जो कभी है ही नहीं मेरी
जब बन्द हो जाएगी
ये टिमटिमाती आंखे तेरी,
सोचेगा कितना सोचा उन बातोको मैंने
जो कभी थी ही नहीं मेरी।

लगा था छूट गया वो पल
क्या था कभी वो तेरा,
एक पल की ज़िंदगी में
जी लेता तू जनम सारा,

तू सोचेगा क्यों रोया तू
जब अपनी सासे भी ना तेरी,
उसे खोने से डरता हूं मै
जो कभी है ही नहीं मेरी।
जो कभी है ही नहीं मेरी।


© drowning angel