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नहीं जानते....
इक्तेफ़ाक था या किसमत नहीं जानते,,,
हम दोनों मिले क्यों वजह नहीं जानते....
डुबे तो दोनों थे,, एक किनारे पर कैसे हैं नहीं जानते....
हाथों में हाथ होने के बाद भी इंतज़ार क्यों है नहीं जानते.....
गुलाब की चाह तो नहीं,, फिर न मिलने पर आंसू क्यों नहीं जानते,,,,
जो मिला ही नहीं कभी मुझे पुरी तरह,, उसे खोने का डर क्यों है नहीं जानते,,,,
मुक्कमल सी मोहब्बत मेरी अधूरी क्यों है नहीं जानते..... 💔💔
© vandana singh
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