...

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शायद...
शायद तेरा नाम कभी जुबान पे ना लाऊं मैं,
शायद तेरे ख्याल को दिल से ना लगा पाऊं मैं,
शायद तेरी दुनिया को फूलों से ना सजा पाऊं मैं,
शायद तेरे से किए वादे ना निभा पाऊं मैं,
सोच कर देखा बहुत, शायद तेरे बिन अब जीना पाऊं मैं।