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दिल के ज़ख़्म सुनाएं क्यों
जो सुने होते तो ,,कुछ हम भी सुनाए होते हैं
दिल के जख्मों को ना,, इस तरह छुपाए होते हैं
कौन आएगा खबर,, इसकी नहीं अब तक
वरना हम फूलों को राहों में,, बिछाए होते हैं
जो पता होता हम जला डालते गुलशन एं आशिया
अपना कहीं और बनाए होते
हाले बिमार संभल जाते हैं,,
नहीं थी ,,,,,मुश्किल आखिरी सांस तक आप जो आए होते हैं
जिंदगी अपनी भी कुछ और होती,, दोस्त हम निभाने की कसम खाए ना होते
दिल के जख्मों को ना,, इस तरह छुपाए होते हैं
कौन आएगा खबर,, इसकी नहीं अब तक
वरना हम फूलों को राहों में,, बिछाए होते हैं
जो पता होता हम जला डालते गुलशन एं आशिया
अपना कहीं और बनाए होते
हाले बिमार संभल जाते हैं,,
नहीं थी ,,,,,मुश्किल आखिरी सांस तक आप जो आए होते हैं
जिंदगी अपनी भी कुछ और होती,, दोस्त हम निभाने की कसम खाए ना होते
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