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Solahavaa Saal
Solahavaa Saal

ये सोलहवाँ साल लगा है सोच समझ के हाथ लगाइये

बेशकीमती ये सरकारी माल है सोच समझ के हाथ लगाइये

बड़ा टेढ़ा सवाल है सोच समझ के फैसला कीजिए


कितनी बोतल का नशा

तेरी आंखों में भरा

कोई कितनी पी ले

मयकश खाली ना हुआ

जो पी ले उसे होश कहां

जिसे ना मिले उसका जीना क्या


हाथ आये तो हाथ लगाये ना बने

प्यास बुझाये तो प्यास बुझाये ना मुझे

सूरत तेरी अंखियों को कोमल फूल जैसी लगे

तरसे ये मेरा दिल तेरा प्यार पाने को


तुम नही दोगे तो क्या मिलेगा नहीं

क्या झाक रहे हो झरोखे से

यू माफ करना हमें दिल देना नहीं


अंग अंग में है मचलते हुए पैमाने

करवटें ले रहे हैं उफ ये जाम मस्ताने

ये वो आँग है जो छूने से और भड़कती है

खुदा खैर कोई मैकस ना झटके शीशे

जो उम्र भर रह सके उस में डूब के

जितनी पीओ उतनी प्यास बढ़ती रहे


देखे तो पर जरा करीब से

ना तरसा हमें बंद झरोखे से

दे दे दिल हमें रास्ता दूसरा हैं नहीं


गुच्छों और कलियों से सबनम खींच के उतारी

प्याला भी गुलाबी और मय भी हूं गुलाबी

चड़ जाए तो फिर नहीं उतरती है खुमारी

हो तुम साथ तो चले जिंदगी मेरी खुशहाली वाली



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