...

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बस करो अब
बहुत हुआ अब बस करो,
मत बहाउ आंखो से इन अशको को,
फिर से इन आंखों को,
पहले के जैसे चमकने दो ,

बस करो अब छोड़ दो,
इस गहरी उदासी को ,
आने दो चेहरे पर‌,
खिलखिलाती हंसी को,

बस करो अब छोड़ भी दो,
उन पुरानी बातें को,
उन दर्द देने वाले झुठे रिश्ते नातों को,
भर लो दिल में अब नये जज़्बातो को,

बस करो अब तोड़ो चुप्पी,
वहने दो एहसासो को.....


© Himani