...

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कि, काश तू भी समझ पाती... ;
तुम्हें जाने की इतनी जल्दी क्या थी
थोड़ी देर और ठहर जाती,
बातें ना सही, पर तेरे साथ होने की
झूठी ही सही खुशी मिल जाती

तेरे यू चले जाने के बाद, ये कमबख्त
यादें, बहुत है सताती,
जीने और मरने के बीच कहीं, जिंदगी
ये उलझ सी है जाती।

तूने तो कह दिया,अब ना इश्क़ है ना
राबता कोई,
और हमारा क्या, ना पूछा हमारी मर्जी
ना फीलिंग्स की क़दर कोई।

कि काश होती तू हमारी जगह तो शायद
छोड़ जाने की ख्याल नहीं आती,
जो झेला था दर्द हमने, तब तुम्हें भी
वो दर्द-ए-दिल समझ आती।

Music matching feelings :- तू थोड़ी देर और ठहर जा मेहरमा... तू थोड़ी देर और ठहर जा 🥺.
Ps:- तुम्हारी फीलिंग्स, फीलिंग्स! हमारी फीलिंग्स कुछ नहीं!

© i'm V!kram 🌸