कि, काश तू भी समझ पाती... ;
तुम्हें जाने की इतनी जल्दी क्या थी
थोड़ी देर और ठहर जाती,
बातें ना सही, पर तेरे साथ होने की
झूठी ही सही खुशी मिल जाती
तेरे यू चले जाने के बाद, ये कमबख्त
यादें, बहुत है सताती,
जीने और मरने के बीच कहीं, जिंदगी
ये उलझ सी है जाती।
तूने तो कह...
थोड़ी देर और ठहर जाती,
बातें ना सही, पर तेरे साथ होने की
झूठी ही सही खुशी मिल जाती
तेरे यू चले जाने के बाद, ये कमबख्त
यादें, बहुत है सताती,
जीने और मरने के बीच कहीं, जिंदगी
ये उलझ सी है जाती।
तूने तो कह...