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वो अधूरी सी छुअन…
वो अधूरी सी छुअन…
तुमने जो
यूँ ही
अनजाने में
मुझे छू भर लिया था, उस रात
उस छुअन की
सरसरी
आज भी
दौड़ जाती है मेरी देह पर
और उभर आता है
मेरा रोम रोम
तुम्हारी उस
छुअन के अहसास से
सुनो ना
क्या फिर कभी
हम
मिल सकेंगे दोबारा कहीं
या
यूँ सुलगती रहेगी
ये देह
तुम्हारी बिरह की आग में…
#हसरतों_के_दाग
© theglassmates_quote
तुमने जो
यूँ ही
अनजाने में
मुझे छू भर लिया था, उस रात
उस छुअन की
सरसरी
आज भी
दौड़ जाती है मेरी देह पर
और उभर आता है
मेरा रोम रोम
तुम्हारी उस
छुअन के अहसास से
सुनो ना
क्या फिर कभी
हम
मिल सकेंगे दोबारा कहीं
या
यूँ सुलगती रहेगी
ये देह
तुम्हारी बिरह की आग में…
#हसरतों_के_दाग
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