अच्छा है
तुम मस्त मौला
राहगीर , मै कैद घर की इन
चार दीवारों में ......
तुम खुले गगन के पंछी
मै पिंजड़े बंद आशियाने
में , जमी , आसमा का होता
है सिर्फ और...
राहगीर , मै कैद घर की इन
चार दीवारों में ......
तुम खुले गगन के पंछी
मै पिंजड़े बंद आशियाने
में , जमी , आसमा का होता
है सिर्फ और...