...

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दम तोड़ चुकी
इस मतलब-परस्त दुनिया मे क्यूँ वफ़ा तुम तलाशते हो
मतलब की है दुनिया क्यूँ तुम यहाँ इश्क़ तलाशते हो

ख़त्म है यहाँ रिश्ते ख़ून के ही तुम रिश्ते तलाशते हो
लूटी पड़ी अज़मत रुह की तुम अज़मत तलाशते हो

लिया रुतबा यहाँ ग़रज़ ने तुम अहमियत तलाशते हो
ज़ोर चल रहा ग़रज़ का क्यूँ तुम ख़ुद को तलाशते हो

है नही दुनिया मे ज़ो क्यूँ उस तलाश को तुम तलाशते हो
दम तोड़ चुकी वफ़ा क्यूँ उस वफ़ा को तुम तलाशते हो।


© अनिल अरोड़ा "अपूर्व "