“तन्हाई”
तन्हाई वो मौसम है
जो अब मेरा पूरा सच है
आये थे तुम मेरी ज़िंदगी में
कुछ यूँ चुपके से
जैसे बहार आयी हो उपवन में
मैं उड़ती थी आसमान में
जैसे उड़ती है तितली गगन में
होश नहीं था...
जो अब मेरा पूरा सच है
आये थे तुम मेरी ज़िंदगी में
कुछ यूँ चुपके से
जैसे बहार आयी हो उपवन में
मैं उड़ती थी आसमान में
जैसे उड़ती है तितली गगन में
होश नहीं था...