बदलता नजरिया
यूं लगने लगा था रफ्तार भरे सफर में कि पैसे और रूतबे के आगे जीवन की कोई कीमत नहीं मगर इस दौर ने बता दिया कि जीवन से ज्यादा कीमती कुछ भी नहीं,
लुटा दी धन दौलत उसके नाम पर जिस भगवान का कुछ अता पता नहीं मगर जो बिना कुछ चाहे मदद कर जाए उस इंसान से बड़कर कोई भगवान नहीं,
पार्टियों...
लुटा दी धन दौलत उसके नाम पर जिस भगवान का कुछ अता पता नहीं मगर जो बिना कुछ चाहे मदद कर जाए उस इंसान से बड़कर कोई भगवान नहीं,
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