मृगज़ल सी ख़्वाहिशें
ये मृगज़ल सी ख़्वाहिशें
और मन हिरन भागता रहता है
कोई न बुझने वाली तृष्ना लिए
जितना पास जाए
बढ़ती रहती प्यास जीया की
न मिटने वाली वासना लिए
दूर से देख लगे अमृत की धारा
हाथ लगाए तो ओस की बूंदे
न खत्म होने वाली 'प्रीत' आशना लिए
© speechless words
और मन हिरन भागता रहता है
कोई न बुझने वाली तृष्ना लिए
जितना पास जाए
बढ़ती रहती प्यास जीया की
न मिटने वाली वासना लिए
दूर से देख लगे अमृत की धारा
हाथ लगाए तो ओस की बूंदे
न खत्म होने वाली 'प्रीत' आशना लिए
© speechless words