मृगज़ल सी ख़्वाहिशें
ये मृगज़ल सी ख़्वाहिशें
और मन हिरन भागता रहता है
कोई न बुझने वाली तृष्ना लिए
जितना पास जाए ...
और मन हिरन भागता रहता है
कोई न बुझने वाली तृष्ना लिए
जितना पास जाए ...