जाने क्यों?
जाने क्यों...
नासमझ बन जाते है लोग।
कुछ गलत तो ना कहते हम,
बस कुछ अलग सोचते है,
तारीफ़ के दो लफ़्ज़ ना कह सको,
तो बुराई तो ना करो।
जो हम करते है,
वो अपने लिए है,
दूसरों को खुश...
नासमझ बन जाते है लोग।
कुछ गलत तो ना कहते हम,
बस कुछ अलग सोचते है,
तारीफ़ के दो लफ़्ज़ ना कह सको,
तो बुराई तो ना करो।
जो हम करते है,
वो अपने लिए है,
दूसरों को खुश...