...

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बांके बिहारी गुनगुनाने लगी ,,,,,
हुई है बावरी राधा कृष्ण राग गाने लगी,
मीरा सी दशा बांके बिहारी गुनगुनाने लगी,
बांके बिहारी गुनगुनाने लगी ,,,

बेसुध हुई है प्रेम में, उसे बस कृष्ण दिखते हैं,
आए घनश्याम सपने में सबको बताने लगी,
बांके बिहारी गुनगुनाने लगी ,,,

कान्हा अंतर्मन विराजे हैं और बलाएं तारती राधा,
अति सुन्दर छवि श्री श्याम की नयन्न समाने लगी,
बांके बिहारी गुनगुनाने लगी ,,,

छप्पन भोग हैं तैयार, है खिलाती हाथ से राधे,
पंचामृत रस घोलकर कान्हा को पिलाने लगी,
बांके बिहारी गुनगुनाने लगी ,,,

वेश व्रजेश है अति सुन्दर, उलझन में है अंतर्मन,
राधा छोड़कर सर्वस्व बस कान्हा को मनाने लगी,
बांके बिहारी गुनगुनाने लगी ,,,

और बन कृष्ण की मन मोहिनी राधा दीवानी सी,
नाचे मुरली पे कान्हा की, वो सबको नचाने लगी,
मीरा सी दशा बांके बिहारी गुनगुनाने लगी ,,,,,
वो बांके बिहारी गुनगुनाने लगी ,,,,,

© #mr_unique😔😔😔👎