...

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परिवार की....(बेटी)
बंध गुल्लक की चावी,किस्मत की सखी,
मेरे मन की उल्लास,अपनो का साथ,

परिवार शब्द नही वो तो है भाई बहन की आस,
वो माँ का डाटना,वो बाप की थपकी,

भाई से लड़ना,बहन से सिकरेट सेर करना,
दादी की गोद मे सर रख कर सोना,

दादु के चश्मे छुपाना तो बुआ की मेकअप किट,
चाचु की चाबी चुराना,बडे पापा का अखबार,

जब बडी मम्मी हलवा बनाए तो ले कर भाग जाना,
वेकेशन मे मामू को परेशान करना,

नाना नानी को अपने पीछे भगाना,
बेटी सबकी प्यारी बडे हो कर उडना शुरू करना,

कोलेज जाना,कभी गलती से भी किसी लडके
के बारे मे घर मे बताओ तो घरवालो

का वो चेक करना कि वो सही है कि नही,
वो ब्रेकअप के बाद भाई का चिढाना फिर चोकलेट खिलाना,

अपनो के साथ मे घूलना,उनका होना,
एक दिन चिडिया बन के उड जाना,

दूसरे घर को महकाना,नई लाईफ शुरु करना,
जहाँ बचपन बिताया,वहाँ से जाना,

अपनी नई दुनिया मे वैसे खोना कि कभी कभी
ही वापस आना,बहुत समय के बाद सबसे मिलना,

गूमना फिरना सबसे चहकना,बच्चो के साथ मायके आकर फिर बच्चा बनना,

बिजनेस के साथ साथ बच्चो और घर को सँभालना,
लाईफ मे आगे बढने के साथ अपनी बेटी को ब्याहना,

वो फिलिंग को महसूस को महसूस करना अपनी बेटी को याद
करना, बुढे माँ बाप की तकलीफ समझना,

लाईफ के साथ चलना,आगे बढके अपने मे
अपने पेरेन्टस् की छवी देखना,

लाईफ की रियल फिलिंग परिवार के साथ महसूस करना,
ईमोशन जो किसी के साथ ना आये वो महसूस करना,

गलती पे टोकना,मुश्किल मे साथ निभाना,
परिवार मेरा गहना,मायका ससुराल मेरा ठिकाना|