...

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बेशकीमती वक्त
छोड़ दो वो पथ,
जहाँ डगमगाये उम्मीदों का रथ।
है कैसा फ़ायदा?
जहाँ मिले न क़ोई भी "क़ायदा"।

अंधेरे से ले भोर,
सुनो "हौंसलों "का ही बस शोर।
कर दे...