ख़ामोश अल्फ़ाज़
आज मेरे अल्फ़ाज़ जरा खामोश से है
मगर जहन मे उमड़ते तूफ़ान बहुत से है
तुमसे पूछने को सवाल तो हज़ार है
मगर मेरी कलम मुझसे जरा नाराज है
ज़ुबान पर न सही, मगर आँखों मे मेरी इजहार है
हाँ आज भी मुझे तुमसे इश्क बेशुमार है
साथ चलने को तो सभी...
मगर जहन मे उमड़ते तूफ़ान बहुत से है
तुमसे पूछने को सवाल तो हज़ार है
मगर मेरी कलम मुझसे जरा नाराज है
ज़ुबान पर न सही, मगर आँखों मे मेरी इजहार है
हाँ आज भी मुझे तुमसे इश्क बेशुमार है
साथ चलने को तो सभी...